जन्म ये तुझको समर्पित, कर्म हर तुझको समर्पित
हर घड़ी तेरी ही सेवा, मर्म ये तुझको समर्पित
हो घड़ी कितनी भी विषम, न रुकें यूँ ही बढ़ें हम
हर कदम तेरी तरफ हो, हर कदम तुझको समर्पित
माँ भारती की छाँव में, हरियाली ख़ुशी की छाई है
माँ भारती हों कष्ट में तो, हर ख़ुशी कर दूं समर्पित
राष्ट्र जो खुशहाल हो तो, विश्व बंधुत्व ख्याल हो
दुश्मन सर उठाये तो, विजय को जन जन समर्पित
- Priyank Singh Thakur
लिखने का शौक सबको सिखा देता है शायरी.. पर वही है असल शायर, जिसे रोने का शौक हो... दोस्तों, इस भाव के साथ ये ब्लॉग प्रारंभ कर रहा हूँ कि मेरे मान के भाव आप सब तक पहुँच सकें. मेरा प्रयास है कि मेरे जैसे अन्य शौकिया लेखक & कवि, अपनी रचनाओं को दुनिया के सम्मुख रखें.. उठा के कलम लिख डालें अपने जज्बातों को, मेरे जैसे :)
Wednesday, September 23, 2009
Tuesday, July 28, 2009
तू जिंदा है
जश्न कर ले यार तू जिंदा है
फख्र कर ले यार तू जिंदा है
जिस जहाँ में अधिकतर मुर्दा हैं रहते
सर उठा के चल रहा, तू जिंदा है
हार के टूटे हुए इन हौसलों में
सागर में तिनका सही, तू जिंदा है
लुट चुके कुछ इश्क में, मर भी गए कुछ
आज भी कुछ मनचला, तू जिंदा है
जीत ले संसार, तू जिंदा है
हर घड़ी त्यौहार, तू जिंदा है
प्रियंक
फख्र कर ले यार तू जिंदा है
जिस जहाँ में अधिकतर मुर्दा हैं रहते
सर उठा के चल रहा, तू जिंदा है
हार के टूटे हुए इन हौसलों में
सागर में तिनका सही, तू जिंदा है
लुट चुके कुछ इश्क में, मर भी गए कुछ
आज भी कुछ मनचला, तू जिंदा है
जीत ले संसार, तू जिंदा है
हर घड़ी त्यौहार, तू जिंदा है
प्रियंक
Wednesday, June 10, 2009
Monday, June 8, 2009
Thursday, May 28, 2009
www.paakiza.blogspot.com main
लिखने का शौक सबको सिखा देता है शायरी
पर वही है असल शायर, जिसे रोने का शौक हो - Priyank
दोस्तों, इस भाव के साथ ये ब्लॉग प्रारंभ कर रहा हूँ कि
नए - नए गालिब और दुष्यंत कुमार हमे मिलें
और नयी नयी पंक्तियों के साथ हमारे जीवन मैं उमंग भरें
ये ब्लॉग आप सभी का है और सबकी रचनाओं को इसमें स्थान मिलेगा..
बस शर्त ये है कि रचना मौलिक होनी चाहिए..
कोई भी पुरानी या उधार ली गयी शायरी / कविता यहाँ से हटा दी जाएगी
उठा के कलम लिख डालें अपने जज्बातों को
आपके अपने
www.paakiza.blogspot.com main
आपका अपना
प्रियंक ठाकुर
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