Friday, December 13, 2019

छल

कुछ लिखने से पहले 
चिंतन कर लेना चाहिए, 
कोई पढ़ के ना घबराए, 
संभल लेना चाहिए,, 
शब्द आईना होते हैं, 
भीतर के हालात के, 
सब सच ना निकले, 
थोड़ा छल लेना चाहिए.. 

बाजार

भावनाएं भी दुनिया जैसे बाजार बन जाएंगी, 
धड़कने हम तुम जैसे लाचार बन जाएंगी, 
जिस दिन चढावा आने लगा अच्छा खासा दोस्तों, 
आतंकियों की कब्र भी मजार बन जाएंगी..

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