Monday, February 6, 2023

गुनाहखाना

कहीं तो ठौर ठिकाना है इस जमाने में, 
लो फिर आ बैठा अपने गुनाहखाने में, 
चाह छांव की नहीं तलब धूप की है, 
एक साया ही सही कुछ तो हो वीराने में..

#PST 6/2/23