Sunday, December 18, 2011

अब संसार हमारा है..



प्रारब्ध से जागृत समाज है,
उन्नत देश हमारा है,
पराधीनता बहुत हुई,
अब संसार हमारा है..

लाखों- करोड़ों बलिदानों का,
गौरव इतिहास हमारा है,
अमर शहीदों  का प्रताप है,
अब संसार हमारा है,

संकट अब भी बहुत खड़े हैं,
दुश्मन सिंहासन पे पड़े हैं,
सुधर जाओ या सुधार देंगे,
यह हुंकार हमारा है..
अब संसार हमारा है..
                                                : PST