1 -
आज खुद को भुलाने को जी कर रहा है,
बेवजह रूठ जाने को जी कर रहा है,
तुम्हे वक़्त शायद मिले न मिले,
आज खुद को मनाने को जी कर रहा है।
2 -
मेरी आदत है उन्हें मनाने की,
उनको आदत है रूठ जाने की,
उनसे कह दो की खेल ये रोकें,
अब तो नौबत है जान जाने की।
3 -
टूटे हुए सपनो और छूटे हुए अपनों ने मार दिया आशी,,
वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सीखने आती थी।
4 -
मेरे शहर के मौसम को भी कुछ यूँ मेरी आदत है,
ज़रा सा दूर क्या होता हूँ वहां बारिश हो जाती है।
5 -
गुमशुदा थे बरसों से, आज नज़र आ रहे हैं,
कैसे कैसे लिबास में चले आ रहे हैं,
जो मेरे उदास चेहरे पर रो दिया करते थे,
आज मेरे मातम में मुस्कुरा रहे हैं।
6 -
जिनके आगे साया भी पराया लगता था,
उन्हें आज अजनबी भी कहूँ या न कहूँ।
7 -
नया घरोंदा मिला तो पुराना घर भूल गए,
मंजिल नयी मिली तो हमसफ़र भूल गए,
जो तुम्हारी नज़र उतारती थी हर कदम पर,
नज़ारा नया मिला तो ये नज़र भूल गए।
8 -
बहुत सोचा की आज तुमको याद न करूँ,
पर क्या करूँ सांस कमबख्त आ ही जाती है।
9 -
तुमको बहार समझ कर, जीना चाहता था उम्र भर,
भूल गया था की मौसम तो बदल जाते हैं।
10 -
मुझे और जन्म लेने होंगे जान जाने के बाद,
तुम्हारी आदत जाने में वक़्त तो लगेगा।
11 -
मैं तो बस एक रास्ता था उस के सफ़र का,
आगे दोराहा आ गया, इसमें उसका क्या कसूर.
12 -
जब जागूं तो तेरा चेहरा हो, काश यूँ ही हर सबेरा हो,
पलक खुलें तो तेरी झलक मिले, पलक झुके तो ख्वाब तेरा हो।