Tuesday, June 9, 2020

लॉक डाउन तुम कहां गए

जाने अब कब फिर गाऊंगा,
फिर कब किचन में जाऊंगा,
वैसे तो दोस्त मिलेंगे रोज,
पर अब कब जूम कर पाऊंगा..
हे लॉक डाउन तुम कहां गए,
खुशियां फैलाओगे जहां गए..

मकान बहुत महंगा था मेरा,
पर कीमत तुमने बतलाई,
परिवार बहुत बड़ा था मेरा,
अहमियत तुमने सिखलाई,
लौट आओ कोई कुछ नहीं कहेगा,
ये बिन बोले तुम कहाँ गए,
हे लॉक डाउन तुम कहां गए

अंधी सड़क में दौड़ लगाता,
बिना काम के आता जाता,
पैसे के पीछे मैं पागल,
पेट्रोल से ज्यादा खून जलाता,
तुम देवदूत बन कर आए,
#PST को ग्यान दिला गए,
हे लॉक डाउन तुम कहां गए..

Monday, May 4, 2020

चाँद आज भी खूबसूरत है..

लो दिन ढला लो बात नई,

फिर अंधेरी रात नई,

रातों की अलग कहानी है,

जो ना सुननी सुनानी है,

तारे भी मिचियाते से,

चंदा से बतियाते से,

सूरज से नाराज़ थे,

कुछ उनके अपने राज़ थे,

दिन सतरंगी माया है,

रात काली छाया है,

सब एक रंग सब एक ढंग,

सपनों की अलग रोज जंग,

चांद शीतल सी थाली है,

इससे रात तक निराली है,

अब जाने की बेला में,

समय की रेला पेला में,

एक खयाल टिमटिमा के आता है,

जो नज़र नज़र को भाता है,

कि सूकून के पल की ज़रूरत है,

चांद आज भी खूबसूरत है..

#PST