जंग अभी हारा नहीं हूं
इतना भी बेचारा नहीं हूं,
घिर गया था मकड़ जाल में
अपने ही मायाजाल में,
चक्रव्यूह वो बड़ा कठिन था
जिसके आगे बस पतन था,
घिर चुका था लोभियों में
स्वार्थ की चुनौतियों में,
दुश्मन हर कहीं थे भारी
बस कभी हिम्मत ना हारी,
शत्रु कोई असाध्य नहीं था
साया भी पर साथ नहीं था,
संकट कठिन घोर हरदम था
पर मेरे राघव से कम था,
माना कि मैं तैयार नहीं था
संगी साथी यार नहीं था,
जो ना कटे ऐसा तरु ना होई
बुरे समय सा गुरु ना कोई,
कथा तब तक चलती है
जब तक पूर्ण विराम है,
पूर्ण विजय संकल्प है
अंत जय श्री राम है 🙏
#PST
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