Monday, May 4, 2020

चाँद आज भी खूबसूरत है..

लो दिन ढला लो बात नई,

फिर अंधेरी रात नई,

रातों की अलग कहानी है,

जो ना सुननी सुनानी है,

तारे भी मिचियाते से,

चंदा से बतियाते से,

सूरज से नाराज़ थे,

कुछ उनके अपने राज़ थे,

दिन सतरंगी माया है,

रात काली छाया है,

सब एक रंग सब एक ढंग,

सपनों की अलग रोज जंग,

चांद शीतल सी थाली है,

इससे रात तक निराली है,

अब जाने की बेला में,

समय की रेला पेला में,

एक खयाल टिमटिमा के आता है,

जो नज़र नज़र को भाता है,

कि सूकून के पल की ज़रूरत है,

चांद आज भी खूबसूरत है..

#PST

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