कविताओं और शायरी का ठिकाना
लिखने का शौक सबको सिखा देता है शायरी.. पर वही है असल शायर, जिसे रोने का शौक हो... दोस्तों, इस भाव के साथ ये ब्लॉग प्रारंभ कर रहा हूँ कि मेरे मान के भाव आप सब तक पहुँच सकें. मेरा प्रयास है कि मेरे जैसे अन्य शौकिया लेखक & कवि, अपनी रचनाओं को दुनिया के सम्मुख रखें.. उठा के कलम लिख डालें अपने जज्बातों को, मेरे जैसे :)
Wednesday, February 12, 2025
जीने की कसम
Tuesday, February 11, 2025
इम्तिहान
Monday, February 12, 2024
युद्ध जारी है..
जंग अभी हारा नहीं हूं
इतना भी बेचारा नहीं हूं,
घिर गया था मकड़ जाल में
अपने ही मायाजाल में,
चक्रव्यूह वो बड़ा कठिन था
जिसके आगे बस पतन था,
घिर चुका था लोभियों में
स्वार्थ की चुनौतियों में,
दुश्मन हर कहीं थे भारी
बस कभी हिम्मत ना हारी,
शत्रु कोई असाध्य नहीं था
साया भी पर साथ नहीं था,
संकट कठिन घोर हरदम था
पर मेरे राघव से कम था,
माना कि मैं तैयार नहीं था
संगी साथी यार नहीं था,
जो ना कटे ऐसा तरु ना होई
बुरे समय सा गुरु ना कोई,
कथा तब तक चलती है
जब तक पूर्ण विराम है,
पूर्ण विजय संकल्प है
अंत जय श्री राम है 🙏
#PST
collection of Shair TWEETS by me ...
आज खुद को भुलाने को जी कर रहा है,
बेवजह रूठ जाने को जी कर रहा है,
तुम्हे वक़्त शायद मिले न मिले,
आज खुद को मनाने को जी कर रहा है।
2 -
मेरी आदत है उन्हें मनाने की,
उनको आदत है रूठ जाने की,
उनसे कह दो की खेल ये रोकें,
अब तो नौबत है जान जाने की।
3 -
टूटे हुए सपनो और छूटे हुए अपनों ने मार दिया आशी,,
वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सीखने आती थी।
4 -
मेरे शहर के मौसम को भी कुछ यूँ मेरी आदत है,
ज़रा सा दूर क्या होता हूँ वहां बारिश हो जाती है।
5 -
गुमशुदा थे बरसों से, आज नज़र आ रहे हैं,
कैसे कैसे लिबास में चले आ रहे हैं,
जो मेरे उदास चेहरे पर रो दिया करते थे,
आज मेरे मातम में मुस्कुरा रहे हैं।
6 -
जिनके आगे साया भी पराया लगता था,
उन्हें आज अजनबी भी कहूँ या न कहूँ।
7 -
नया घरोंदा मिला तो पुराना घर भूल गए,
मंजिल नयी मिली तो हमसफ़र भूल गए,
जो तुम्हारी नज़र उतारती थी हर कदम पर,
नज़ारा नया मिला तो ये नज़र भूल गए।
8 -
बहुत सोचा की आज तुमको याद न करूँ,
पर क्या करूँ सांस कमबख्त आ ही जाती है।
9 -
तुमको बहार समझ कर, जीना चाहता था उम्र भर,
भूल गया था की मौसम तो बदल जाते हैं।
10 -
मुझे और जन्म लेने होंगे जान जाने के बाद,
तुम्हारी आदत जाने में वक़्त तो लगेगा।
11 -
मैं तो बस एक रास्ता था उस के सफ़र का,
आगे दोराहा आ गया, इसमें उसका क्या कसूर.
12 -
जब जागूं तो तेरा चेहरा हो, काश यूँ ही हर सबेरा हो,
पलक खुलें तो तेरी झलक मिले, पलक झुके तो ख्वाब तेरा हो।